दिल्ली से ग्राउंड रिपोर्ट / हिंसा में मारे गए लोगों के शव बुधवार दोपहर तक परिजन को नहीं मिले, अस्पताल ने पोस्टमॉर्टम न होने का हवाला दिया

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के शव दोपहर तक उनके परिजन को नहीं मिल पाए थे। अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए मृतकों का पोस्टमॉर्टम न हो पाने की दलील दी थी। उनकी तरफ से कहा गया कि इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करना होगा। इसके बाद सरकार के आदेश पर शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शव परिजन को सौंपे जा सकते हैं। इसके पहले किसी भी शव को परिवार को नहीं सौंपा जा सकता। बवाल बढ़ने के बाद, जीटीबी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सुनील कुमार ने कहा- कल तक हमारे पास पोस्टमॉर्टम करने के लिए बोर्ड नहीं था। आज से पोस्टमॉर्टम शुरू हो गए हैं और शव परिजन को सौंपे जा रहे हैं।


करीब 70 लोगों को गोली लगी: जीटीबी अस्पताल के अधीक्षक


जीटीबी के सुनील कुमार ने बताया कि अब तक 200 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। 22 लोगों की मौत हुई है। 35 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि अधिकतर मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। सुनील कुमार ने कहा- करीब 30% मरीजों को गोली लगी थी। करीब इतने ही मरीज हमले में घायल हुए थे। दो मरीज ऐसे भी आए, जिन्हें ऊंचाई से कूदने की वजह से चोट आई थी। बुधवार की सुबह से अब तक 16 मरीज लाए गए हैं। इनमें से किसी की हालत गंभीर नहीं है।


अशोक नगर, मीत नगर, शाहदरा से शेखर घोष


समय शाम 4:45 बजे, स्थान नंद नगरी गोल चौराहा: कार रोककर रोड किनारे खड़े एक व्यक्ति से पूछा- भाई साहब अशोक नगर किधर है? उस व्यक्ति ने पहले तो घूरकर देखा, फिर बोला, ‘‘अशोक नगर जाना है तो संभल कर जाना। फ्लाई ओवर से नीचे उतरते ही किसी से चप्पल मार्केट का पता पूछ लेना। ’’ धन्यवाद देकर चलने लगा, तो इशारे से रोककर कहा- वहां गली नंबर 7 में पुलिस ने सुबह कई राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। मेरा घर मस्जिद के सामने ही है। पुलिस ने लोगों को हिदायत दी है कि इलाके में धारा 144 लगी हुई है। लोग एक जगह जमा न हों। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश है।


फ्लाईओवर के नीचे उतरते ही सड़क पर एक जला हुआ ऑटो दिखा। वहां सीआईएसएफ तैनात थी। वहां एक व्यक्ति से हालात के बारे में पूछा, तो वह अनसुना कर तेज कदमों से आगे बढ़ गया। अशोक नगर के मैकेनिक मार्केट के गेट पर ताला लगा रहे व्यक्ति की फोटो खींचनी चाही, तो वो चिल्लाते हुए मेरी तरफ बढ़ा। वहां खड़े एक व्यक्ति ने उसे डांटते हुए कहा- तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से हमारे इलाके का नाम खराब हो रहा है। इसी वजह से दंगा फैल रहा है। जैसे तुम अपना काम करते हो, वैसे ही ये भी अपना काम कर रहे हैं। वहीं, संदीप नाम के व्यक्ति ने कहा- कल दोपहर से पहले इस सड़क पर भीड़ की वजह से लोगों का चलना मुश्किल था, लेकिन आज यहां वीरानी छाई हुई है। इस मैकेनिक मार्केट में 150 से ज्यादा डेन्टर, पेन्टर और मैकेनिक काम करते है।


अशोक नगर की गली नंबर 7 में चौराहे पर स्थित मस्जिद मौला बख्श से हिंसा के 17 घंटे बाद निकलता धुआं उपद्रव की कहानी बयां कर रहा था। मस्जिद के सामने सीआईएसएफ के जवान खड़े हुए थे। पिछली गली में एक जले हुए घर में समान बिखरा हुआ था। इस बीच, एक कैमरामैन मस्जिद का वीडियो बनाने लगा। इस पर कुछ लोगों ने उसका कैमरा छीनकर जमीन पर फेंक दिया। इसे देख कैमरामैन के साथ आया रिर्पोटर सीआईएसएफ के जवानों के पास पहुंचा और उन्हें घटना की जानकारी दी। सीआईएसएफ के जवानों ने कैमरामैन को भीड़ से निकाला।


मौके पर मौजूद मोहम्मद सलीम ने बताया कि यहां करीब 2 हजार लोगों की भीड़ आई थी। हम इसमें से किसी को नहीं पहचानते। यहां मुसलमानों के कुल 4 घर हैं। पिछले 40 साल से हिन्दुओं के बीच रहते हुए कभी कोई गड़बड़ नहीं हुई। कल जो भी उपद्रवी आए थे, वे सभी बाहरी थे। यह साजिश का मामला है।


मौजपुर से धर्मेन्द्र डागर
मौजपुर में पिछले तीन दिन की हिंसक घटनाओं के बाद बुधवार को शांति बनी रही। हालांकि माहौल अभी भी तनावपूर्ण है। रास्ते पर जगह-जगह जली हुई गाड़ियां नजर आ रही हैं। सड़कें ईंट-पत्थरों से पटी हुई हैं। बाजारों में टूटी हुई दुकानें, जले हुए रेस्टोरेंट और शोरुम दिखाई दे रहे हैं। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस और सीआरएपीएफ के जवान तैनात हैं। पुलिस कॉलोनियों में फ्लैग मार्च कर रही है।


इस बीच स्थानीय लोग भी कॉलोनियों के भीतर लोग जमा हो रहे हैं। उनका कहना है- हम लोग शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के बाद इलाके में हिंसा फैली। मौजपुर में रहने वाले मोहम्मद ने कहा- हमारे लोग शांतिपूर्वक बैठे थे। अचानक भीड़ ने पत्थरबाजी शुरु कर दी। एक युवक ने एक लड़के को गोली मार दी। जिस लड़के को गोली मारी गई, वह महज 2 मिनट पहले घर से निकलकर गली में आया था।