नेवी के साथ-साथ वायु सेना ने भी जरूरी कदम उठाए हैं। चीन सीमा पर गंभीर स्थिति को देखते हुए फाइटर प्लेन की तैनाती को और आगे बढ़ाया गया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की छुट्टियां कैंसिल कर दी है। केंद्र सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को हथियारों की खरीद करने की छूट दी है। लद्दाख में चल रहे विवाद को पीछे छोड़ने के लिए भारत ने बातचीत की पेशकश की थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सोमवार रात हुई हिंसा के बाद सरकार इसमें कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती है। यही वजह है कि चीन को लेकर सरकार ने नई रणनीति तैयार की है।
LAC पर चीन के साथ बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा है। इकोनॉमिक टाइम्स को मिली जानकारी के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को तालमेल बिठाने और जरूरत के मुताबिक प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए हैं। इसी के मद्देनजर नौसेना को चीन से मुकाबले के लिए मलक्का स्ट्रेट के पास, या फिर जरुरत के मुताबिक काउंटर के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कहीं भी तैनाती को लेकर आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए हैं। नौसेना ने युद्धपोत और जहाजों के साथ समुद्री सीमाओं पर अपनी पैनी नजर बना ली है।