मझौली/जबलपुर, मध्यप्रदेश
तहसील कार्यालय के ठीक सामने नगर परिषद मझौली वार्ड 15 के अंतर्गत जो लॉकडाउन के दौरान हुआ निर्माण में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जनपद पंचायत मझौली के ठीक बाजू से निर्माण किया गया था जिसमें लॉकडाउन के दौरान संपूर्ण निर्माण में कृषि विभाग के बोर से ही उस निर्माण में सिंचाई इत्यादि का कार्य कराया जा रहा था और लोग देखने वाले लोग यही समझ रहे थे कि यह निर्माण कृषि विभाग द्वारा किया जा कराया जा रहा है लेकिन आज तहसीलदार द्वारा अवैध निर्माण को तोड़े जाने पर सभी अधिकारी नदारद थे जिसमें कृषि विभाग के जीपी पटेल,इस्माइल खान, आरपी उपाध्याय ,अभिषेक पटेल इस संबंध में जानकारी देने से मना कर दिए तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव द्वारा वह अवैध कब्जा हटाया गया जो पूर्ण रूप से पक्का था लेकिन जिसमें तहसीलदार महोदय का कहना है हमने नोटिस जारी किया है।अवैध निर्माण की जानकारी किसने दी किस की आपत्ति पर हुई यह समस्त जानकारी गुप्त है यदि तहसीलदार को मुंह जवानी मझौली का पूरा नक्शा याद है कौन सी सरकारी जमीन है और कौन सी निजी जमीन है तो संपूर्ण कब जा उनके मझौली तहसील में रहते हुए हटवा दिए जाएं तभी तो या मानेंगे हमारे तहसीलदार न्याय प्रिय तहसीलदार है लेकिन बाजू में फोटोकॉपी टपरा रखा हुआ था टीन सेट लगा हुआ था जो अस्थाई रूप से था।जिसमें कंप्यूटर फोटोकॉपी मशीन कुर्सी टेबल इत्यादि रखी हुई थी उसमें लोक सेवा केंद्र से जुड़कर ,मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाना,जाति प्रमाण पत्र बनवाना, आय प्रमाण पत्र बनवाना इत्यादि कार्य किया जाता था पर तोड़ते समय किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई न ही लाउडस्पीकर द्वारा एलाउंसमेंट किया गया न ही पूर्व में कोई नोटिस जारी किया सीधे जेसीबी मशीन से टपरा को नष्ट कर दिया गया इसमें लगभग ₹80000 का तहसीलदार द्वारा नुकसान कर दिया गया यदि सूचना दे दी जाती टपरा हटा लिया जाता और वह सामान नष्ट होने से बच जाता वही कुछ दूरी पर अन्य फोटोकापी सेंटर एवं अधिवक्ता के अवैध रूप से कब्जा बने रखे हैं जो अनुसूचित जनजाति शासकीय बालक छात्रावास की बाउंड्री वाल से अवैध रूप से रखे हुए हैं जो की ठीक तहसील कार्यालय के सामने आते हैं यह भी 244 के अंतर्गत हटाए जा सकते थे लेकिन नहीं हटाए गए कुछ कब्जा धारी तो पुरानी तहसील में ही रह रहे हैं और वही तो चाय पानी की दुकान चला रहे हैं शायद यह अवैध कब्जा के अंतर्गत नहीं आता जनपद पंचायत के सामने भी कुछ अवैध कब्जा रखे हैं संपूर्ण कार्रवाई के पश्चात मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रभात बरकड़े एवं उपयंत्री अमित बघेल की उपस्थिति में संपूर्ण सामग्री जब्ती के रूप में नगर परिषद में सुपुर्दगी में दे दी गई वहीं एक तरफ देश के प्रधानमंत्री आत्म निर्भर बनने की बात कर रहे हैं लेकिन अस्थाई रूप से रखे टपरा को तहसीलदार द्वारा हटाया गया लेकिन कुछ चिर दृ परिचित एवं राजनैतिक व्यक्तियों के टपरो को नहीं हटाया गया और यदि कोई बोलता है तो उसके ऊपर कार्रवाई हो सकती है जेल हो सकती है अन्याय सहते रहो अधिकारी अच्छा है बोलो तो लोग खराब है यदि अवैध कब्जा हटाना है तो तहसील मझौली के सामने रखे समस्त कब्जा धारियों को हटाया जाए यह हवाला ना दिया जाए कि कुछ वकीलों के अस्थाई रखे हैं कुछ फोटो कॉपी सेंटर अस्थाई है तो क्या ? दीपक साहू का वह फोटो कॉपी सेंटर अस्थाई नहीं था क्या? उसका परिवार नहीं है वह तो अपनी ईमानदारी से ₹10 के फॉर्म बेचने का कार्य उस फोटो कॉपी के माध्यम से कर रहा था अस्थाई रूप से उच्च अधिकारी स्वयं उक्त स्थान का निरीक्षण करें कि वहां पर यदि पक्के निर्माण का रहा हो वहां केवल 4 बाई 4 का टापरा रखा हुआ था एवं टीन सेट लगा हुआ था ।